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जेपी दलाल

खरीफ फसलों की खेती अब जलभराव वाले क्षेत्रों में भी होगी, कृषि मंत्री ने किसानों को दिया आश्वासन

खरीफ फसलों की खेती अब जलभराव वाले क्षेत्रों में भी होगी, कृषि मंत्री ने किसानों को दिया आश्वासन

खरीफ फसलों की खेती अब जलभराव वाले क्षेत्रों में भी होगी, कृषि मंत्री ने किसानों को दिया आश्वासन हरियाणा के ज्यादातर गांव में जलभराव के कारण किसान फसल की पैदावार नहीं कर पाते. ये दिक्कत अक्सर बारिश के मौसम में देखने को मिलती है. सरकार किसानों को खुशहाल करने के लिए खास इसी योजना पर काम कर रही है. सरकार चाहती है कि बारिश के कारण किसानों को दिक्कत न हो जिस वजह से ऐसे क्षेत्रों को पहले कृषि योज्य बनाया जाएगा फिर किसान वहा पर खरीफ फसलों की पैदावार कर पाएंगे. इस संबंध में जेपी दलाल जो की हरियाणा के कृषि एवं पशुपालन मंत्री है उन्होंने ने कहा कि,"प्रदेश में जलभराव से प्रभावित भूमि को कृषि योग्य बना कर किसानों को खुशहाल किया जाएगा". जिसके लिए जलभराव वाले क्षेत्रों में सौर ऊर्जा की मदद से जल निकासी प्रणाली योजना के आधार पर पानी निकालकर पास के किसी नाले में डाला जाएगा.

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जलभराव से 10 लाख हेक्टेयर भूमि प्रभावित हरियाणा सरकार की कोशिश है की हर एक क्षेत्र जिसमे की जलभराव के कारण किसान खेती करने में असमर्थ रहे है उन सभी क्षेत्रों में सौर ऊर्जा जल निकास प्रणाली योजना के द्वारा उन्हें खेती लायक बनाया जाएगा. घुसकानी में करीब 1 करोड़ 10 लाख की लागत से बने हुए सौर ऊर्जा जल निकासी प्रणाली योजना का शुभांरभ करने के लिए कृषि एवं पशुपालन मंत्री आए थे. उन्होंने कहा है कि प्रथम चरण में 1 लाख जलभराव की जमीन को सुधारने का लक्ष्य रखा गया है, जिसकी शुरुआत गांव घुसखानी से की गई है. करीब 10 लाख हेक्टेयर भूमि जलभराव होती है.जिसके लिए पाइप लाइन डालकर पंप सेटअप लगाकर सारा पानी नालों में बहा दिया जाएगा. जिसके बाद किसान उन खेतो में खेती कर पाएंगे. कृषि मंत्री जेपी दलाल ने कहा कि,"हम कुछ समय में इस समस्या से निजात पा लेंगे".
हरियाणा में धान खरीद की तारीख बढ़ सकती है आगे, पहले 1 अक्टूबर से होनी थी खरीदी

हरियाणा में धान खरीद की तारीख बढ़ सकती है आगे, पहले 1 अक्टूबर से होनी थी खरीदी

खरीफ का सीजन चल रहा है, धान की फसल लगभग तैयार होने को है कुछ ही दिनों में धान की कटाई शुरू हो जाएगी, जिसके बाद मंडियों में धान की आवक शुरू हो जाएगी, इसको लेकर हरियाणा सरकार अलर्ट पर है। सरकार ने जल्द ही धान खरीद प्रक्रिया की शुरुआत करने के लिए कहा था, इसके लिए हरियाणा सरकार ने 1 अक्टूबर की तारीख तय की थी जब से राज्य में धान की खरीदी प्रारम्भ की जाएगी। लेकिन राज्य के कृषि व किसान कल्याण मंत्री जेपी दलाल ने हाल ही में संकेत दिए हैं कि राज्य सरकार धान की खरीदी को आगे बढ़ा सकती है। हरियाणा के कृषि व किसान कल्याण मंत्री जेपी दलाल ने द इंडियन एक्सप्रेस को बताया कि पिछले साल हमने धान की खरीदी बहुत जल्दी प्रारम्भ कर दी थी। उस दौरान हमने धान की खरीदारी 25 सितम्बर से प्रारम्भ कर दी थी, क्योंकि पिछले साल फसल जल्दी तैयार हो गई थी। लेकिन इस साल ऐसा नहीं है। धान की खरीद में नमी की उपस्थित एक बहुत बड़ा मुद्दा होता है। फसल ख़रीदते समय हमें नमी के स्तर को भी ध्यान में रखना होगा। ज्यादा नमी वाली धान की फसल खरीदने योग्य नहीं होती है। उसके खराब होने की संभावना बरकरार रहती है। जब फसल पूरी तरह से सूख जाएगी, तभी से राज्य में धान की खरीदी प्रारम्भ की जा सकती है। ये भी पढ़े: हरियाणा में बाजरा-धान खरीद की तैयारी पूरी पूर्व मुख्यममंत्री भूपिंदर सिंह हुड्डा ने धान में खरीदी की देरी को लेकर राज्य सरकार को घेरना शुरू कर दिया है, उन्होंने कहा है कि राज्य की मंडियों में धान की आवक शुरू हो चुकी है, इसलिए राज्य सरकार का यह कर्त्तव्य है कि सरकार समय से धान की खरीददारी प्रारम्भ करे। उन्होंने कहा कि मौजूदा सरकार को 20 सितंबर से धान की खरीदी प्रारम्भ कर देनी चाहिए। पूर्व मुख्यममंत्री भूपिंदर सिंह हुड्डा के सुर में सुर मिलाते हुए मंडी आढ़तियों ने सरकार से 15 सितंबर से धान खरीदी प्रारंभ करने की गुजारिश की है, जो अभी शुरू नहीं हो पाई है। इन सबको दरकिनार करते हुए सरकार ने धान खरीदी के लिए 1 अक्टूबर की तारीख नियत की है, जिसे आगे बढ़ाया जा सकता है। धान की खरीदी में लेट लतीफी को देखते हुए हरियाणा के मंडी आढ़तियों ने 19 सितंंबर को हड़ताल घोषित करने की मांग की है। इसकी जानकारी पहले ही सार्वजनिक कर दी गई है। हरियाणा राज्य अनाज मंडी आढ़तियों एसोसिएशन के अध्यक्ष अशोक गुप्ता ने बताया है कि मंडी आढ़तियों के प्रति राज्य सरकार की गलत नीतियों और ई-नाम पोर्टल पर बासमती व्यापार तथा धान की ऑनलाइन खरीद के विरोध में पूरे राज्य के सभी आढ़तिये 19 सितंंबर को हड़ताल पर जाएंगे। अशोक गुप्ता ने कहा कि राज्य में किसानों के भुगतान के लिए दो माध्यम होना चाहिए। यदि किसान चाहता है कि उसके अनाज के बदले एजेंसियां सीधे उसको भुगतान करें, तो एजेंसियां कर सकती हैं। लेकिन यदि किसान चाहता है कि उसके अनाज खरीद के बदले आढ़तिये किसान को भुगतान करें, तो इसकी परमिशन सरकार को आढ़तियों को देना चाहिए।